वर्तमान समय मूल्यों के पतन का है। ऐसे समय में रचनाकारों का दायित्व बन जाता है कि वे अपने युगधर्म का निर्वाह करें। यह ब्लॉग रचनाधर्मिता को समर्पित है। मेरा मानना है- युग बदलेगा आज युवा ही भारत देश महान का। कालचक्र की इस यात्रा में आज समय बलिदान का।
सोमवार, 17 मई 2010
शिवसागर काव्य सभागार का शुभारम्भ
आज के समय में साहित्य के प्रति उपेक्षा का भाव है। लोगों के पास समय नहीं है इसे पड़ने और सुनने का। ऐसे परिवेश में किसी कवि का काव्य सभागार का निर्माण करना अपने में महत्वपूर्ण है। देश के मशहूर गीतकार शिवसागर शर्मा द्वारा निर्मित शिवसागर काव्य सभागार का लोकार्पण १६ मई को पद्मश्री डाक्टर लाल बहादुर सिंह चौहान ने किया। अजीतनगर स्थित इस सभागार में इस मौके पर कवि गोष्ठी हुई। अध्यक्षता शीलेन्द्र वशिस्ठ ने की। डाक्टर महाराज सिंह परिहार , रामेन्द्र त्रिपाठी, पद्मश्री चौहान, डाक्टर राज कुमार रंजन,अमी आधार निडर, शिवसागर शर्मा, राजकुमार राज, जीतेन्द्र जिद्दी, अरविन्द समीर, शशांक शर्मा, डाक्टर अशोक सिंह अदि कवियां ने काव्यपाठ किया। सञ्चालन डाक्टर राज कुमार रंजन व् आभार शिवसागर शर्मा ने प्रकट किया।
चित्र परिचय
2 पद्मश्री डाक्टर चौहान फीता काटते हुए। साथ में कवि शिवसागर
१ काव्य पाठ करते हुए डाक्टर महाराज सिंह परिहार ब्लोगर विचार-बिगुल
३ सरस्वती चित्र के साथ पद्मश्री चौहान डाक्टर परिहार एवं डाक्टर रंजन
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sharma ji ko pranaam.
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