
इन्द्रधनुष ने सम्मानित किए दो व्यक्तित्व
आगरा। पहले विचार का प्रादुर्भाव होता है, वही बाद में कलम अथवा तूलिका के माध्यम से समाज को संदेश देता है, कालांतर में वही विचार किसी क्रांति का उद्घोष करते हैं। यह विचार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था इन्द्रधनुष के विनय नगर स्थित कार्यालय पर प्रख्यात भूगोलविद् डॉ. चन्द्रभान एवं कवि शिवसागर के सम्मान समारोह में वक्ताओं ने व्यक्त किये। समारोह की अध्यक्षता स्क्वा.लीडर एच.के. बघेल ने की। कार्यक्रम का आरंभ नरेन्द्रसिंह नीरेश की सरस्वती वंदना से हुआ।सम्मान समारोह के संयोजक डॉ. महाराज सिंह परिहार ने कहा कि इन्द्रधनुष द्वारा अभिनंदित द्वय विद्वान अपने क्षेत्रों में अग्रणी हैं, जहां डॉ. भान को भूगोल के क्षेत्र में विश्वव्यापी ख्याति मिली है वहीं दूसरी ओर अपने मधुर गीत और ब्रजभाषा के काव्य के माध्यम से शिवसागर ने आगरा का नाम हिंदी काव्य जगत में रौशन किया है। कार्यक्रम के मध्य डॉ. चन्द्रभान एवं कवि शिवसागर का पगड़ी बांधकर एवं माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया। इस मौके पर शिवसागर शर्मा के गीतों की सीडी का भी विमोचन हुआ।
इस अवसर पर काव्य समारोह में कविता के इन्द्रधनुषी रंग बिखरे। देवास से पधारे कवि डॉ. राजकुमार रंजन ने कर्णधारों से सवाल किये-
कब तक आजादी की दुल्हन, दूल्हा के घर जायेगी
कब तक इन छद्म कहारों से डोली लूटी जायेगी
गीतकार डॉ. त्रिमोहन तरल ने प्यार की फुहारों को इस प्रकार बयां किया-
छूकर तेरा बदन सुगंधित होने लगे बयार
सजनिया, तू कितनी दमदार, सजनिया
ब्रजभाषा के कवि डॉ. बृजबिहारी बिरजू ने चिठिया मैं कैसे बांचू रे, नहीं मैं ओलम जानू तथा राजकुमार राज ने कितने बदल गये हैं गांव के माध्यम से ग्रामीण जीवन की वेदना को व्यक्त किया। डॉ. महाराज सिंह परिहार ने झूठ फरेबों की नदिया में, गोते खूब लगाता चल, ब्ंाधु आगे बढ़ता चल, सबका माल पचाता चल के माध्यम से भ्रष्टाचार पर चोट की। इस काव्य संध्या में शिवसागर शर्मा, स्क्वा.लीडर एचके बघेल, डॉ. सुषमा सिंह, डॉ. आरएस पाल, रमा वर्मा, जितेन्द्र जिद्दी, अषोक सक्सैना एवं युवा शायर अरविन्द समीर व राजकुमारी उपाध्याय ने काव्यपाठ किया। आभार ज्ञापित केपी सिंह व संचालन डॉ. महाराज सिंह परिहार ने किया। समारोह में मंजू माहेश्वरी, डॉ. आरएस पाल, डीपी सिंह एडवोकेट, जेपी सिंह, ओमप्रकाश पाल, दुर्गेश परिहार, किताब सिंह यादव आदि मौजूद थे।
डॉ. महाराज सिंह परिहार, संयोजक- 9411404440
bhaaee mahaaraj singh jee
जवाब देंहटाएंkaarykaram ke liye badhaee kaash aap hame nahee bhulaate to ham bhee bhaaee shiv saagar jee ko sunane aajaate.