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बुधवार, 1 सितंबर 2010

'शब्द श्री' सम्मान से विभूषित हुए मशहूर शायर मयंक



लखनऊ-३० अगस्त: लखनऊ की सुप्रसिद्ध सांस्कृतिक-साहित्यिक संस्था, 'शब्द' द्वारा देश के विख्यात गीत-गजलकार, के.के.सिंह 'मयंक' का सूचना निदेशालय के सभागार में भव्य सम्मान किया गया. साहित्यकारों, साहित्य प्रेमियों की खचाखच उपस्थिति से गर्म इस आयोजन के अध्यक्ष आकाशवाणी के पूर्व निदेशक श्री मनुज एवं मुख्य अतिथि डॉ. सुरेश उजाला थे. श्री के. के. सिंह 'मयंक' को 'शब्द श्री' से अलंकृत किया गया.
के.के सिंह मयंक को सम्मान- पत्र एवं अंग वस्त्र तथा स्मृति-चिह्न प्रदान करते हुए श्री मनुज ने कहा कि मयंक जी की रचनाएँ सीधे मानव हृदय से सम्वाद करती हैं. डॉ. सुरेश उजाला ने अपने संस्मरण बांटते हुए कहा कि मयंक जी एक बेहद शरीफ इंसान हैं लेकिन मंच से बाहर तक. मंच पर वह दोस्ती नहीं निभाते बल्कि अपनी रचनाओं से आप पर ऐसा प्रहार करते हैं जिससे आदमी हीन भावना से ग्रस्त हो जाए.
शब्द की संस्थापिका, श्रीमती डॉ. प्रीति कबीर ने कहा कि मयंक जी का सम्मान करके हमारी संस्था स्वयं गौरवावित हुई है.उन्होंने कहा कि मयंक जी जैसे रचनाकार का एक बार सम्मान करने से मन नहीं भरता, सम्भवतः संस्था भविष्य में मयंक जी को कुछ अन्य रचनात्मक कार्यों में सहभागी बनाने का प्रयत्न करेगी.
कार्यक्रम का संचालन श्री अरुणेश एवं संयोजन अरविन्द 'असर' ने किया.
सम्मान समारोह के दूसरे चरण में एक रष्ट्रीय काव्य गोष्ठी आयोजित की गई जिसमें श्री के.के. सिंह 'मयंक' ने:
जो तिरंगे को करना नमन छोड़ दें
उनसे कह दो वो मेरा वतन छोड़ दें
पढकर देश प्रेम का परिचय दिया. इसके अतिरिक्त सुरेश उजाला, मनुज, अरविन्द असर, अरविन्द झा, प्रीति कबीर, अरुण मिश्रा, मनोज कुमार मनोज, डॉ. सुरेश, महताब हैदर, रामप्रकाश बेखुद आदि रचनाकारों ने भी राष्ट्रीय चेतना बोध की रचनाएँ प्रस्तुत कीं। बात-बेबात के ब्‍लॉगर व सुप्रसिद्ध संपादक डा. सुभाष राय व विचार-बिगुल के ब्‍लॉगर डा; महाराज सिंह परिहार ने केके सिंह मयंक को शब्‍दश्री सम्‍मान मिलने पर उन्‍हें बधाई दी है।
प्रेषित - अलका सर्वत मिश्रा

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